Upsc topper shubham kumar with cm Nitish Kumar

यह तस्वीर देख के बहुत अच्छा लगा। शुभम ने यूपीएससी टॉप किया है, राज्य का मान बढ़ाया है, राज्य के मुखिया को उससे मिलना ही चाहिए। मगर मेरा सवाल है कि सिर्फ यूपीएससी टॉपर ही क्यों? यूपीएससी के अलावा भी बिहारी लोग राज्य का मान बढ़ाते रहते हैं, देश विदेश में बिहारी प्रतिभा और हुनर का झंडा गाड़ते रहते हैं, मगर शायद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनसे मिलकर या उसे सम्मानित करके उनका हौसला बढ़ाते हुए दिखते हैं।


कई लोग सवाल करते हैं कि जो बिहारी अच्छा करते हैं वो बिहार के लिए क्या करते हैं? क्या वो वापस बिहार आकार अपने राज्य के लिए काम करते हैं? मैं इन सवालों को थोड़ा घुमा देता हूं...क्या जो बिहारी अच्छा करते हैं, उसको बिहार या बिहार सरकार प्रोत्साहित करने के लिए कुछ करती है? क्या बिहार का मान बढ़ाने वालों को सम्मानित करने के लिए कोई व्यवस्था बनाई गई है? क्या जो बिहारी अच्छा करके वापस बिहार आते हैं, उसको जरूरी सहयोग और सहायता दिया जाता है? 

बहुत से काबिल और शिक्षित लोग हैं जो अपने राज्य लौटकर काम करना चाहते हैं मगर सरकार और समाज का आचरण उन्हें यह फैसला लेने का हिम्मत नहीं देता। बिहार वापस आकर काम करने वालों पर यह समाज नाकाम इंसान का ठप्पा लगा देती है तो सरकार अपने भ्रष्ट सिस्टम में पीसकर उसका हिम्मत तोड़ देती है।


बिहारी लोग हमेशा राष्ट्रवादी रहे हैं मगर उनमें कभी बिहारियत का भाव नहीं रहा। देश के किसी भी विकसित राज्य का उदाहरण ले लिजिए, वहां के लोग राष्ट्रवाद के साथ अपने स्मिता को लेकर हमेशा सजग रहे हैं। मगर बिहारियों को देश का फिक्र तो होता है मगर अपने राज्य के मुद्दे से कोई सरोकार नहीं होता। वो तो खुद को बिहारी कहलाना भी पसंद नहीं करते। बस बिहार का मज़ाक कोई उड़ा रहा हो तो दांत चियारते हुए जरूर दिख जाते हैं।

हालांकि ये हालत अब धीरे - धीरे बदल रहे हैं। खासकर सोशल मिडिया के दौर में लोग बिहार और अपनी पहचान को लेकर मुखर हुए हैं। 

खैर मुद्दा है कि बिहार से जुड़े हर सकारात्मक चीजों को हमें खुद को जोड़ना होगा, उसे आगे बढ़ाना होगा और हर नकारत्मक चीजों को खत्म करना होगा। बदलाव और विकास सिर्फ रोड और नाले बनवाने से नहीं होगा, वैचारिक और सामाजिक स्तर पर भी बदलाव जरूरी है। 


बिहार से बाहर निकलकर जो लोग सफल हो रहे हैं उसको  राज्य के साथ जोड़े रखने के लिए यह जरूरी है कि उनमें अपने पहचान के प्रति गौरव का भाव जगाया जाए...और यह भाव जागरूकता, एकता, सम्मान, प्रोत्साहन और प्रेम से आएगा। 
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