बहुत ही बेदर्द है उस बे वफा की यादें अश्क दे जाती है खुशनुमा आखों को उसके वादे
इतनी बेदर्दी से तोड़ी है उम्मीदें मेरी अब एहसास भी नही रूह मैं मेरी
आँखो मे डूब कर भी देखा हे,इनका नशा कर के भी देखा हे,,दर्द दे जाती है ये बेहया दुनियाँ,किसी को भी वफ़ा राश नहीं आती,,मेरे भाई छोड़ जाती हे यहाँ बेदर्द छोरियं....!!
तेरी बेदर्दी का ज़ख्म भी बड़ा दर्द देता है...!!हर पल हर खुशी छीन लेता है...!!
🌹ना तस्वीर है उसकी कि दीदार किया जाये , ना पास है वो जो उसे प्यार किया जाये........❤यह कैसा दर्द दिया है उस बेदर्द ने , ना उससे कुछ कहा जाये ना उनके बिना रहा जाये........ ✍️ . ❤
दिल्लगी में दिल को हम कैसा रोग लगा बैठे...ज़िंदगी को छोड़ क्यों मौत को गले लगा बैठे...हमने समझा था दिल लगाकर दिल को चैन मिलेगा...ऐसी लगी चोट के दिल को बेदर्द से दर्द लगा बैठे...✍✍
बेदर्द शायरी हिंदी में
मैने एडमिन मैडम से कहा टकराने से प्यार बढता है बेदर्दी ने स्कूटी से ठोक दिया😭😭😭
नाराज मत हुआ करो कुछ अच्छा नहीं लगता है,तेरे हसीन चेहरे पर यह गुस्सा नहीं सजता है,हो जाती है कभी कभी गलती माफ कर दिया करो,चाहने वालों से बेदर्दी यह नुस्खा नहीं जचता है…
मेरी राते मुझे अक्सर सुलाना भुल जाती है ये तो सच है सोना मै भी नही चाहता, तेरे सामने होने से मेरे अश्क़ बहते है खुद-ब-खुद, ये तो सच है रोना मै भी नही चाहता बेगैरत, बेदर्दी से तोड़ा है दिल मेरा ये तो सच है खोना तो तुझे मै भी नही चाहता ✍✍✍
मैंने लिखा हर लफ्ज़ हकीकत...लोग मगर अफसाना समझे....तुम ही ना समझे दिल की जुबां...तो क्यों बेदर्द ज़माना समझे...!!😒😒
आशिक के नाम से सभी जानते हैं इतना बदनाम हो गए हम मयखाने में जब भी तेरी याद आती है बेदर्द मुझे तोह पीते हैं हम दर्द पैमाने में❤️❤️❤️❤️
यारों ये दुनिया है बेदर्दों की,यहाँ हर रोज़ छुपाना पड़ता है,दिल में है लाखों ज़ख्म फिर भी,महफ़िल में तो मुस्कुराना पड़ता है।
बेदर्द शायरी हिंदी
दर्द मेरे बड़े बेदर्द निकले।♥️♥️♥️♥️♥️हम भी कम नहीं हम भी बुरे ही निकले।तेरा तो मैं कभी बन ही नहीं पाया।🌸पराया ही समझ कर दिल में रख ले।।
हम ने काँटों को भी नरमी से छुआ है अक्सर.....लोग बेदर्द हैं फूलों को मसल देते है...
आशिक के नाम से सभी जानते हैं इतना बदनाम हो गए हम मयखाने में जब भी तेरी याद आती है बेदर्द मुझे तोह पीते हैं हम दर्द पैमाने में
रखोगे उम्मीद के उजाले तभी जिंदगी हसीन होगी...घुट घुट कर जीने से तो मौत ही मिलेगी...जो दे दर्द उस बेदर्द को को भी मिले खुशियां...दुआओ में अक्सर हमारी अच्छाइयां ही मिलेगी...✍✍
मेरे दिल में उतर कर भी मेरे जज्बात ना जाने ..वो मेरा हाल सुनकर भी मेरे हालात ना जाने..अब उस बेदर्द से मैं क्या कहूंगी ए मेरे मौला..जो ये नजरें ना पढ़ पाया वो फिर अल्फाज क्या जाने...
कर दिया जख्मी उसकी यादों ने अब पता चला यार प्यार बड़ा बेदर्दी होता है
बेदर्द शायरी
दर्द को दर्द है दर्द कहने लगा, दर्द की आंख से दर्द बहने लगा,,,दर्द ने जब दिया दर्द को दर्द है, तब से बेदर्द भी , दर्द सहने लगा ।।
सिर्फ अपनी सांसे सबको प्यारी हो गयी इंसानियत के मरने की पूरी तैयारी हो गयी क्या हासिल करोगे जीत कर दूसरों से जब अपनों से ही मात करारी हो गयी मंदिर मस्जिद क्या आम क्या खास सब कुछ बेदर्द दौलत की दीवानी दुनिया सारी हो गयी ज्यादा कमाने की अंधी हवस में प्यारों खुद की कीमती सांसे ही हम पर भारी हो गयी
लिखना सिखा ही नही था इस टूटे हुए दिल ने सीखा दिया जिसके लिए मरना चाहते थे बेदर्दी ने तड़पने के लिए मरने से भी रोक दिया था
आशिक के नाम से सभी जानते हैं, इतना बदनाम हो गए हम मयखाने में जब भी तेरी याद आती है बेदर्द मुझे तोह पीते हैं हम दर्द पैमाने में
बड़े हमदर्द बनते थे...बड़े बेदर्द निकले हो..!!😏
तुम साथ हो, या ना हो, क्या फर्क है,बेदर्द थी जिंदगी,बेदर्द है ।।🖤🖤
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Shayari