मोहब्बत वाली शायरी हिन्दी में । Mohabbat wali shayari hindi me

" नहीं आता तेरी मोहब्बत को छुपाना मुझे , तेरी खुशबू मेरी हर शायरी में बसा करती है । "

 

"चाहने वालों को अहमियत दीजिए, साफ़ सुथरी अपनी नियत कीजिये" 


" मोहब्बत का सबक बारिश से सीखो,जो फूलों के साथ काँटों पे भी बरसती है ! "


" मेरी आँखों में  झाँकने से पहले जरा सोच लीजिये ऐ हुजूर ...जो हमने पलके झुका ली तो कयामत होगी ...। नजरें मिला ली तो मुहब्बत होगी ...।"


" तुम्हारी आँखें पढकर हमने गजलें सीखी है तुम्हारी मुहब्बत से हमने शायरी सीखी है ।जिक्र तुम्हारा करते भी नहीं फिर भी लोग कहतें हैं लाजवाब है वो शख्स जिससे तुमने मोहब्बत सीखी है ."


" तुम्हारी आंखें पढ़ कर,हमने ग़ज़लें सीखी है,

तुम्हारी मोहब्बत से,हमने शायरी सीखी है,

जिक्र तुम्हारा करता भी नहीं,फिर भी लोग पूछते हैं,

उसका नाम तो बताऊं,जिससे तुमने यह बाते सीखी हैं।

तंग नहीं करते हम उन्हें आजकल,ये बात उन्हें तंग करती है।।

मोहोब्बत है, तो शिकायत किस लिए? मोहोब्बत नहीं, तो शिकायत किस'से ?"


" कभी मतलब के लिए तो कभी _सिर्फ दिल्लगी के लिए,....हर कोई मोहब्बत ढुंढ रहा है यहा अपनी ज़िन्दगी के लिए !! "


" भरी कायनात मे हमने कितने ही मुखोटो को देखा है...चाय फीकी लगती है जबसे तेरे होठों को देखा है..."


" वो मोहब्बत हमसे कुछ इस तरह से करते है बात नहीं करते हमसे मगर मेरी शायरी का इंतजार करते है.."


" कितनी मुहब्बत थी उसके लफ़्ज़ों से,हर लफ़्ज़ में मेरा चेहरा दिखता रहा ।"


" ख्वाहिश नहीं... कि टूट कर चाहो तुम मुझे...ख्वाहिश बस इतनी... कि टूटने न देना मुझे."


" मत पूछ उलझन क्या है उम्र की...जैसे जैसे बढ़ी इश्क जवा ही हुआ..💕"

 

" कितना प्यार है तुमसे, कैसे तुमे अपनी शायरी के सहारे बताऊँ....महसूस करो मेरे एहसास को, अब गवाह मैं कहाँ से लाऊँ...!!" 

 

" किसकी मोहब्बत को लिखते हो इतना डूबकर.....!!एक जख्म और दे देती है,वो यह पूछकर। " 


" ज़रूरत के हिसाब से,अल्फ़ाज़ तलाश लाते हैं,हम तो शायर हैं,सबके दिल की जान जाते हैं।" 

 

" यूँ तो मुझे बदनामी अपनी अच्छी नहीं लगती, मगर लोग तेरे नाम से छेड़ें तो बुरा भी नहीं लगता।" 

 

" तेरी यादों से तेरे ख्यालों तक का सफ़र..!!बस अब यहीं तो हैं मेरे इश्क़ के हमसफर....!!!!" 

 

" सिद्दत ए इश्क़ नही देखता महबूब पत्थर है या कोहिनूर है,अगर इश्क़... इश्क़ है तो हर हाल में मंजूर है...."

 

" मेरे दिल की दहलीज पर तुझे बस मोहब्बत मिलेगी..!सोच लेना तू भी ये बात नफ़रत से ना जिंदगी चलेगी..!मूंद के पलकें बस चल दूं तेरे साथ तभी हर आरज़ू मेरी खिलेगी..!तू कभी मेरा ना बन सकेगी जानता हूं पर ख्वाइश रहेगी..!" 

 

" उसकी शायरी की तारीफ करने से भी डरता हूं,जमाना जान ना जाए वो मुझे अच्छी लगती है ।"


" सुना हैं शायरी के आप "दीवाने" हैं,"शायर" के बारे में क्या ख्याल हैं !!"


" जब से हमारी मुस्कुराहट में दिखने लगे हो तुम,सनम लोगों को खबर हो रही है इश्क़ में है हम ।"


" ख़्वाबों से इश्क़ है मुझे,और तेरे इश्क़ से है,हर ख़्वाब मेरा। गुड मॉर्निंग शायरो❤️"


" अगर अलफाज़ मेरे बस में हों,तो ना जाने क्या क्या लिखूं,तुझे ही इब्तदा लिखूं तुझे ही इन्तहा लिखूं।इब्तदा = आरंभ,शुरुआत।।" 

 

" बड़ा शायराना इश्क़ है मेरा इश्क़ करने से ज्यादा तुझे लिखा है मैंने♥️"

 

" कोई सबूत नहीं होता मोहब्बत का,नाम लेने पर धड़कने बढ़ जाए तो समझो, मोहब्बत बेइंतेहा है!!"

 

" तेरे लब से कोई लफ्ज़ न ढुलके तो कोई बात नहीं,तेरी मौजूदगी ही काफ़ी है महफ़िल में चकाचौंध की ख़ातिर....!!"


" ना सोना चाँदी मैं चाहूँ    

ना नया नवेला श्रंगार मिले 

ना हाथ गैर का मैं थामूं

ना किसी गैर का साथ मिले 

बस मिले मुझे मेरा मनमीत 

हर जन्म उसी का प्यार मिले 

किस विधि पूजूँ तुमको हे ईश्वर.

कि जीवन मैं जब यह त्योहार मिले,

उन्हीं के हाथों मुझे जलाहार मिले||

उनको चांद दिखे है चांद की

जिन्हें तलाश 

मुझको वही एक दीदार मिले.."


" हो तेरे साथ उम्र बसर ,काश ऐसा हो,मुमकिन नहीं ऐसा ,मगर काश ऐसा हो।" 


" फूंक मारकर हम दीये को बुझा सकते हैं , अगरबत्ती को नहीं,जो महकता है उसे कौन बुझा सकता है...जो जलता है वो ख़ुद ही बुझ जाता है..!!" 


" तबियत भी ठीक थी, दिल भी बेकरार न था,ये तब की बात है, ज़ब किसी से प्यार न था...!!"


" तुझसे भी हसीन हो गए हैं ये ख्याल तेरे,तेरे इन्तजार की सोहबत हमें रास आ गई।"


" हर शाम से तेरा इंतज़ार किया करते हैं.. हर ख्वाब में तेरा इंतज़ार किया करते हैं... दीवाने ही तो है हम तेरे,जो हर वक्त तेरे मिलने का इंतज़ार किया करते हैं।"


" दिलों से कब निकलते हैं वो, मोहब्बत जिनसे हो जाती है,भूल जाना भूला देना  फ़क़त एक वहम होता है।"


" जितनी जरूरत उतना रिश्ता है यहां,बिन मतलब कौन फरिश्ता है यहां.!!"


Lateefo ke sheher Mein, Khushi ki khabar mili....Ye dil shukrguzar hai ke, Tere jaisi hamsafar mili.


देख कर हुस्न उनका कब हुई है हमें उनसे मुहब्बत,वो तो बस उनका काजल लगाकर आना मेरी जान ले गया।


कुछ लोग अपने पास बुलाकर फिर दूर कर देते हैं,न चाहते हुए भी मुझे, लिखने को मजबूर कर देते हैं।


गुस्से में पहले ब्लॉक किया भी गया मुझे, फिर फेक आई डी से पढ़ा भी गया मुझे ....!!


रस्ते में साथ मिल गया,उसे हमसफ़र मत मान, चंद वक़त की छाँव को अपना घर मत मान..!!


साथ आप हैं तो एक नूर है मुझ में,बिन आपके अब कहां पूरा हूँ मैं ..!आपके इश्क़ ने किया है मुक़म्मल,वरना ज़िंदगी में बहुत अधूरा हूँ मैं..!!


मुर्शिद ,ये ज़ालिम समाज हम से खेल बुरा खेल गया,हाय मुरशिद.... औऱ हम देखते रह गए एक बेजुबान बच्चे की तरह 


जान वान ज़हन वहन सबकुछ लेकर गया,पहले कहा कि इश्क़ है फिर ख़ुद मुकर गया,आँखें जो बंद थीं तो बहुत आसपास था,खुल गयी जो आँख तो जाने किधर गया।


कुछ अनूठा ही रिश्ता है मेरा उस शख्स से,कभी उसे सोचने से सुकून मिलता है तो कभी बेचैनी।


इस प्यार का किस्सा क्या लिखना एक बैठक थी बर्खास्त हुईं...


गुजरते अक्टुबर की धूप से हैं हम,धीरे धीरे अच्छे लगने लगेंगे।🅶🅾🅾🅳 🅼🅾🆁🅽🅸🅽🅶


 मोहब्बत का पता नहीं,बस लगाव सा है,जो भी कह लो,बस बेहिसाब सा है ...!!


अंधेरों से कह दो कही और घर बना ले,मेरे शहर में रौशनी का सैलाब आया है...!! 


 मेरी गलतियों का हिसाब है उसके पास,मगर मेरी मोहब्ब्त का कोई जवाब नही..!!!


दिल है ही बड़ी अजीब सी चीज़ हज़ारों से लड़ जाता है,और किसी एक से हार जाता है! 


 तेरी सादगी,तेरी आजिजी,तेरी हर अदा कमाल है,मुझे फक्र है, मुझे नाज़ है,मेरा यार बेमिसाल है।

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